16/09/2016

'' जनसंख्या है , आबादी है ''

जनसंख्या है , आबादी है ,
लगता मुझको बर्बादी  है।

जिस देश में भूँखे लोग मरें ,
उस देश में क्या ? आजादी है।

जिस घर में चूल्हे जलें नहीं ,
उस घर बिटिया की शादी है।

घर जाते ही छपटा ले जो ,
वो मेरी बूढ़ी - दादी हैं।

प्रेमी हूँ मिलन करूँ कैसे ?
वो महलों की शहज़ादी हैं।

वो लोग मंच पे बैठे हैं ,
जो लोग पहनते खादी हैं।

भाषण देते वो माया पर ,
जिनका सिंहासन चांदी है।

उनसे मज़कूर भी क्या करना ?
जो केवल हिन्दूवादी हैं।

अंग्रेजी - सत्ता हिला दिए ,
वो वीर महात्मा गाँधी हैं।

उनसे हम आश लगाएं क्या ?
वो तो विदेश के आदी हैं।

ऐ '' नील '' नही वहशत कुछ भी ,
अब बातों की आजादी है।

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