15/10/2017

याद हैं

हौले - हौले इश्क़ में वो दिल लगाना याद है
याद है हमको अभी भी वो ज़माना  याद है

रात में तनहाइयाँ आकर सताती हैं मगर
देखना मुझको तेरा वो मुस्कुराना याद है

याद हैं मुझको अभी अँगड़ाइयाँ  भरना तेरा
हाँथ से आँखों पे वो पर्दा लगाना याद है

एक आहट जो तेरी आती है मुझको हर जगह
वो तेरा पीछे से आ मुझको सताना याद है

शाम होते ही तेरी आँखों की वो नजरें - बयाँ
और बागों में तेरा मिलना - मिलाना याद है

इस जगह से उस जगह की दूरियाँ काफ़ी मगर
वो तेरी बचपन की इक तस्वीर पाना याद है

इश्क़ अपना यूँ मुकम्मल ही रहा है  उम्र - भर
लाख़ - तूफ़ानों का आना और जाना याद है

सोंचता था एक मैं ही प्यार करता हूँ तुझे
वो मेरी तस्वीर को दिल से लगाना याद है

2 comments:

Unknown said...

अरे वाह!!
भईया जी बहुत खूबसूरत है!!

जय श्री कृष्ण

Unknown said...

vah neel yar tum bahot bade kalakar ho hai
shobhanam

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