15/10/2017

याद अभी है

तुमको घर तक छोड़ के आना याद अभी है
तुमसे दिल के राज़ बताना याद अभी है

इक संसार मेरा था बचपन की यादों का
उसमें तेरा झूम के आना याद अभी है

घर के कोने - कोने में यूँ दौड़ - भागकर
वो तेरा पायल छनकाना याद अभी है

दिल में मेरे दर्द उट्ठा था तेजी से कुछ
और तेरा वो दौड़ के आना याद अभी है

हुश्न - मुहब्बत जलवे तेरे सारे संग थे
ऐसे में बारिश का आना याद अभी है

नादानी करता था जब मैं  जानबूझ कर
और तेरा बातें समझाना याद अभी है

गुम हो जाऊंगा इक दिन ये मुल्क छोड़ कर
फिर मत कहना इक दीवाना याद अभी है

  

5 comments:

Unknown said...

Bahot sundar

Unknown said...

Bahot sundar

Unknown said...

Purani yadon ko taja krne wali pankti

Shivarchit said...

क्या बात है।।।
अच्छी है।
बहुत ही

Durgesh said...

Yaade bhut sweet hoti h sachhi kvivr

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