02/03/2018

उम्रभर


आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ 
         
जिन्दगी जगमगाती रहे उम्रभर
कोई हँस के लगाती रहे उम्रभर

रंग गाढ़ा हो मन का के छूटे नही
होलिका यूँ ही आती रहे उम्रभर

माँ बहन संग मेरी प्रेमिका भी रहे
मैं खुशी से जियूँ जिन्दगी उम्रभर

प्रेम का रंग कान्हा लिए हाँथ में
राधिका को लगाते रहें उम्रभर

तुम रहो, न रहो, प्रेम तेरा रहे
चित्र पे रंग सजाते रहें उम्रभर

दिव्य फागुन - महीना जिये जिन्दगी
कोकिलें गीत गाती रहें उम्रभर

केसरी हम, हरा तुम उड़ाते रहो
यूँ ही भारत बनाते रहें उम्रभर

एक त्यौहार है भाईचारा का ये
इसको हँस के निभाते रहें उम्रभर


इसमें जो तीसरी लाइन में रंग शब्द है उसका अन्वय "दूसरी और तीसरी" दोनों लाइन से है ।।
धन्यवाद.....

5 comments:

Shivarchit said...

मज़ा आ गया भाई

harsh tripathi said...

वाह

Unknown said...

आपके प्यार के कायल हैं हम
.......ये दो पंक्तियां समर्पित हैं...!!

कोई रङ्ग ही नही चढ़ता मेरे ख़ुद्दार लहज़े पे ,
नज़र में आ गया ज़ब से तेरे रुख़शार का रङ्ग ।

रुखशार - गाल

मुलम्मा बाहरी है ये ज़ो कल तक छूट जायेगा ,
ये रङ्ग फीके ज़ब निखरे मेरे दिलदार का रङ्ग!!

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बहुत सन्दर ...आपको भी होली की शुभ कामनायें.....

Sudhanshu Tiwari said...

तुम रहो, न रहो, प्रेम तेरा रहे
चित्र पे रंग सजाते रहें उम्रभर...waah

मित्र ये आपकी होली पर लिखी गई बहुत खूबसूरत कविता है... बहुत sundar...और बहुत बहुत धन्यवाद आपको जो मुझे पढ़ने का मौका मिला... बहुत सुंदर... Happy holi 💐

NITU THAKUR said...

सुन्दर रचना..... बधाई

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