05/03/2018

हर घड़ी

जिन्दगी में तकाज़े मिले हर घड़ी
उनके बदले इरादे मिले हर घड़ी

जिसपे कुर्बान थी ये मि'री जिन्दगी
प्यार में जख्म ताज़े मिले हर घड़ी

पूरा घर देखने जब गया गाँव को
सारे घर मुझको आधे मिले हर घड़ी

मैंने जाना है यारों तुम्हीं से जहाँ
मुझको दुश्मन ज़ियादे मिले हर घड़ी

सोच जब से ज़रा सा बढ़ाया हूँ मैं
जंग में मुझको प्यादे मिले हर घड़ी

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...