04/02/2018

तेरी अँख से हुआ बेकाबू नि हाये मैनू दिल लुटेयाँ

Written By Me ......

तेरी लक नें किया ऐसा जादू नि हाये मेरा दिल लुटेयाँ
तेरी अँख से हुआ बेकाबू नि हाये मैनू दिल लुटेयाँ

त्वाडि अँख नु लगे हैं शराबी, शराबी
गल्ल लग दियाँ गुलाबी,
साडि इस थ्वाडि चाल नु दिल लुटेयाँ
गोरी लग दि कुड़ी पंजाबी,

नि हाये मैनू दिल लुटेयाँ, पराँदा इन्ना शोणा लगेयाँ ।

तेरी लक नें किया ऐसा जादू नि हाये मेरा दिल लुटेयाँ
तेरी अँख से हुआ बेकाबू नि हाये मैनू दिल लुटेयाँ

NOT NOW COMPLETED STILL I'M WORKING IN THIS PANJABI LYRICS ..........

तुम मेरा नाम लेके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ

नीलेन्द्र शुक्ल " नील "

तुम मेरा नाम लेके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ
खुद को बदनाम करके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ

मुझे समझो, मुझे जानो, मुझे देखो, पहचानो
मेरी यादें, मेरी बातें, मेरी साँसें, मेरी रातें
मुझे भुला दो, मैं प्रेमी नही, मैं काफिर हूँ

तुम मेरा नाम लेके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ
खुद को बदनाम करके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ

मेरी निगाहें तुम्हें आवाज़ देती हैं
तेरी दुवाएँ नये परवाज़ देती हैं
उड़ता पंक्षी हूँ मैं पहला, और आखिर हूँ

तुम मेरा नाम लेके न बैठो मैं बेवक्त का मुसाफिर हूँ
खुद को बदनाम करके न बैठो मैं तो बेवक्त का मुसाफिर हूँ 

रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है!

देसभक्त कै चोला पहिने विसधर नाग पले है रामराज कै रहा तिरस्कृत रावणराज भले है ।। मोदी - मोदी करें जनमभर कुछू नहीं कै पाइन बाति - बाति...